नईदिल्ली : पूर्व रेलमंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव ने रेलवे की माली हालत को लेकर कहा है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने रेलवे को मुश्किल हालत की ओर धकेल दिया है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टीनीत सरकार की लालू प्रसाद ने इस बात की आलोचना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया कि पूर्व रेलमंत्री ने रेलवे द्वारा दी गई गलत जानकारियों की पहल का उल्लेख किया है। उनका कहना था कि भारतीय जीवन बीमा निगम और जापान की जेआईसीए जैसी संस्थानों से सरकार ने उधार लेकर देश पर आर्थिक बोझ लाद दिया। इसके लिए 40 अरब डाॅलर का उधार लिया गया। उनका कहना था कि इस तरह से बिना सोचे समझे कर्ज पर कर्ज लेते जाना बेहद रिस्की हो सकता है। इसे आत्मघाती कदम माना जा सकता है। यह धन बुलेट रेल जैसी परियोजनाओं पर आरोपित किया गया है। इसे लाभकारी नहीं कहा गया है। उनका कहना था कि इस तरह की स्थिति में यह बेहद खतरनाक कहा गया है। भारतीय रेल को प्रतिदिन के खर्च हेतु पर्याप्त आमदनी नहीं होने की बात भी कही गई है। प्रसाद ने कहा है कि एक अन्य मसला रेलवे द्वारा लागत कम किए जाने और निजीकरण आदि हेतु समितियों के गठन का है। इस तरह की पहले से रेलवे कर्मचारियों का मनोबल भी प्रभावित किया गया है। उल्लेखनीय है कि पहले भी पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था। उनके पत्र में उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि रेलवे एक जर्सी गाय की तरह है लेकिन सरकार इसे लाभ में नहीं रख पाई। इस जर्सी गाय की सेहत भी काफी समय से अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार इस गाय का दूध नहीं निकाल पाई और इसकी सेवा भी नहीं कर पाई है यह बीमार हो गई है।