क्या तुम अभी हारे नहीं

राह चलते पलोंसे पूछूँ, क्या तुम थके नहीं? जीवन के इस जंग मे, क्या तुम अभी हारे नहीं? चले तुम मेरे साथ साथ, साये की तरह आस पास।  धूप छाँव के खेल मे, साये से ज्यादा तुम पर विश्वास। सबसे अच्छे साथी तुम, आइनेसे भी सच्चे तुम।  जीवनकी कठिनाईयोंसे …  बचानेवाले रक्षक तुम। थामके उंगली मेरी, ले आये मुझे दूर।  बने रहना साथ मेरे  जाना हैं अभी बहोत दूर।

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