महाराष्ट्र / नागपुर: कुश कटारिया हत्या कांड के आरोपी आयुष पुगलिया को उस समय गहरा झटका लगा जब नागपुर हाईकोर्ट ने उसे मिली दोहरी उम्रकैद की सजा को बढ़ाकर तिहरी उम्रकैद की सजा में तब्दील कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण चौधरी व P. N. DESHMUKH की संयुक्तपीठ ने सरकारी वकील की अपील को मान कर आयुष को फिरौती के लिए कुश का अपहरण करने के लिए भी मुजरिम करार दिया एवं इस कृत्य के लिए भी उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। जिला अदालत ने पहले ही उसे दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब इस तरह से आयुष को कुल 3 उम्रकैद की सजा काटनी है, जिनमें से 2 उम्रकैद की सजाएं एक साथ चलेंगी तथा इनके ख़त्म होने के बाद तीसरी उम्रकैद की सजा चलेगी। आपको बता दें कि गर्लफ्रेंड तथा अन्य शौकों व अय्यासी को पूरा करने के लिए आरोपी आयुष ने कुश का अपहरण कर 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांग राखी थी। प्रकरण को तूल पकड़ता देख आरोपी ने बड़ी ही निर्ममता से कुश की हत्या कर दी थी। आयुष की अपील खारिज: कुश कटारिया हत्या मामले में नागपुर जिला अदालत ने आयुष निर्मल पुगलिया को मुजरिम करार देते हुए कुश की हत्या के लिए उम्रकैद तथा कुश का अपहरण करने के लिए भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी आयुष के भाई नवीन को सबूत नष्ट मिटने के लिए दोषी करार देते हुए कारावास की सजा सुनाई थी एवं दूसरे भाई नितिन को निर्दोष करार देते हुए बरी किया था। आरोपी आयुष ने जिला अदालत के इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र डागा ने भी आयुष को फिरौती के लिए सजा देने की मांग की थी। उद्द्योग्पति के पुत्र की हुई थी हत्या: फिरौती के चक्कर में वर्धमान नगर निवासी उद्योगपति प्रशांत कटारिया के 5 वर्षीय पुत्र कुश का उनके ही पड़ोस में रहने वाले आयुष निर्मल पुगलिया ने 11 अक्टूबर 2011 को अगवह किया था। प्रकरण को तूल पकड़ता देख आरोपी ने बड़ी ही क्रूरता से कुश की हत्या कर दी थी। गर्लफ्रेंड तथा अन्य शौकों की पूर्ति करने के लिए आरोपी आयुष ने कुश को अगवह कर दौ करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। मामले की जांच में आरोपी ने पुलिस को हर कदम पर भटकाने का प्रयास भी किया।