दिल से आज कुछ रुक्सत हुई है यादें ये मेरे लिए कोई आम बात नही एक आखिरी उम्मीद थी पर रस्ते में ही शाम हुई अब तू नगमे भी हस्ते है हमपर चाहत की बातें जब सरेआम हुई