पठान की शादी चल रही थी मौलवी – शादी कुबूल है बीवी – कुबूल है मौलवी – किसी जनाब को इस शादी से कोई ऐतराज तो नहीं है पठान – हमको है मौलवी साहब मौलवी – . . . . मियाँ तुम चुप बैठो तुम दूल्हे हो तुमको तो जिंदगी भर ऐतराज रहेगा