हिंदू पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ का महीना वैशाख मास के समाप्त होते ही आरम्भ हो जाता है. यह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है. इस महीने में सूर्य अत्यंत ताकतवार हो जाता है तथा गर्मी भयंकर पड़ती है. इस बार ज्येष्ठ 06 मई से 04 जून तक रहेगा. 05 जून से आषाढ़ के महीने की शुरुआत हो जाएगी. ज्येष्ठ मास के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म की खास अहमियत है. वही इस दौरान कुछ चीजों का आवश्यक तौर पर ध्यान रखना जरुरी है, आइये आपको बताते है ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें? ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें:- 1- इस महीने बाल गोपाल का अभिषेक करने की खास अहमियत बताई गई है. इसके अतिरिक्त उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाएं और भगवान को चंदन का लेप लगाएं. 2- पशु, पक्षियों, जीव जंतुओं के लिए पानी की व्यवस्था करें. 3- इसके अलावा आप राहगीरों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर सकते हैं. 4- इस महीने में जरूरतमंद लोगों को छाते, अन्न, पेय वस्तुओं आदि का दान भी किया जा सकता है जिसे बेहद ही शुभ माना गया है. 5- किसी गौशाला में हरी घास का दान करें एवं गायों का ध्यान रखें. 6- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. 7- इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात प्रभु श्रीराम से हुई थी. हनुमान चालीसा के साथ करें ये पाठ, दुरी होगी हर बाधा कब है नारद जयंती? जानिए इसका महत्व शिव चालीसा का पाठ करते समय इन बातों का रखे ध्यान, पूरी होगी हर कामना