हमारे यहाँ किसी भी शुभ अवसर पर काले रंग के कपडे पहनना अच्छा नहीं माना जाता है.खास कर के शादियों में दूल्हा-दुल्हन को काले कपड़े नहीं पहनने दिया जाते हैं, ऐसा माना जाता है की काला रंग अशुभ होता है. बहुत लोग इस बात को नहीं मानते है, क्योंकि आजकल काला रंग फैशन में है. इसलिए आजकल शादी में दूल्हा- दुल्हन भी और उनके रिश्तेदार भी इस बात को अंधविश्वास मानकर टाल देते हैं. ज्योतिष के अनुसार भी शुभ कार्य में काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए. इसलिए शादी में भी वस्त्रों में लाल, पीले और गुलाबी रंगों को अधिक मान्यता दी जाती है,क्योंकि लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक माना गया है, जबकि काला रंग निराशा का. वैज्ञानिक तथ्य यह है कि लाल रंग ऊर्जा का स्तोत्र है. साथ ही, लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है. इसके विपरीत जब नीले, भूरे और काले रंगों की मनाही करते हैं तो उसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण हैं. काला और गहरा रंग नैराश्य का प्रतीक है और ऐसी भावनाओं को शुभ कार्यो के बीच नहीं आने देना चाहिए. जब पहले ही कोई नकारात्मक विचार मन में जन्म ले लेंगे तो रिश्ते का आधार मजबूत नहीं हो सकता. इसलिए शादी में वर और वधु दोनों को ही काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए. माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करे विष्णु जी की पूजा केले का वृक्ष है सम्पन्नता का प्रतीक पान के पत्ते में है शिवजी का वास