नई दिल्ली: आज हमारे देश के महान क्रांतिकारक, समाज सुधारक, विचारवंत, महात्मा ज्योतिबा फुले की डेथ एनिवर्सरी है। प्रत्येक वर्ष हमारे देश में 28 नवंबर को आदर्श शिक्षक महात्मा ज्योतिबा फुले की डेथ एनिवर्सरी मनाते है। आज उनके पुण्यतिथि के मौके पर हम उनसे जुड़ी कुछ अहम् बातें आपको बताने जा रहे है। तो चलिए जानते है.... महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था। उनकी मां का नाम चिमनाबाई और पिता का गोविंदराव था। इतना ही नहीं उनका परिवार कई पीढ़ियों से माली का कार्य करता था। वहीं आज भी यह कहा जाता है कि वे सातारा से पुणे फूल लाकर फूलों के गजरे आदि बनाने का कार्य करते थे इसलिए उनकी पीढ़ी ‘फुले’ के नाम से पहचानी जाती थी। ज्योतिबा बहुत बुद्धिमान इंसान है। उन्होंने मराठी में अपनी पढ़ाई पूरी की। वे महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक एवं दार्शनिक थे।महज 13 वर्ष की उम्र में 1840 में ज्योतिबा की शादी सावित्रीबाई से हुई थी। महाराष्ट्र में धार्मिक सुधार आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है। जाति-प्रथा का विरोध करने और एकेश्‍वरवाद को अमल में लाने के लिए ‘प्रार्थना समाज’ की स्थापना भी की थी जिसके प्रमुख गोविंद रानाडे और आरजी भंडारकर थे। उस वक़्त महाराष्ट्र में जाति-प्रथा बड़े पैमाने पर फैली हुई थी। इसे नष्ट करने के लिए ‘प्रार्थना समाज’ की स्थापना की जा चुकी थी। जहां इस बात का पता चला है कि आदर्श शिक्षक ज्योतिराव गोविंदराव फुले की मौत 28 नवंबर 1890 को पुणे में हो गई थी। इस महान समाजसेवी ने अछूतोद्धार के लिए सत्यशोधक समाज स्थापित कर दिया गया था। उनका यह भाव देखकर 1888 में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि भी दी जा चुकी है। देश से छुआछूत खत्म करने और समाज को सशक्त बनाने में ज्योतिराव फुले का किरदार बहुत ही महत्वपूर्ण था। आज इस आदर्श व्यक्तित्व के बारे में उनके विचारों को पढ़कर जानने की प्रयास करते थे। तो आइये जानते है महात्मा ज्योतिबा के अनमोल विचार। महात्मा ज्योतिबा के अनमोल विचार 1. परमेश्वर एक है और सभी मानव उनकी संतान हैं। 2. शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है। 3. आपके संघर्ष में शामिल होने वालों से उनकी जाति मत पूछिए। 4. अच्छा काम पूरा करने के लिए बुरे उपाय से काम नहीं लेना चाहिये। 5. अगर कोई किसी प्रकार का सहयोग करता है, तो उससे मुंह मत मोड़िए। 6. आर्थिक असमानता के कारण किसानों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।स्वार्थ अलग-अलग रूप धारण करता है, कभी जाती का रूप लेता है तो कभी धर्म का। 7. भारत में राष्ट्रीयता की भावना का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक खान -पान एवं वैवाहिक संबंधों पर जातीय बंधन बने रहेंगे। वहीं ज्योतिबाफुले की पुण्यतिथि पर नितिन गडकरी ने KOO करते हुए लिखा है- दलित उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव समर्पित महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन। Koo App दलित उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव समर्पित महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन। View attached media content - Nitin Gadkari (@nitin.gadkari) 28 Nov 2021 सरकारी कर्मियों को बड़ा तोहफा, वेतन में होगी भारी वृद्धि कितना खतरनाक है कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन, एक बार फिर खड़े हुए कई सवाल आज मन की बात करेंगे PM मोदी, ये हो सकते हैं मुद्दे!