कितने आदमी थे

गब्बर--- कितने आदमी थे 

सांभा --- 4 सरदार 

गब्बर --- कौन कौन 

सांभा --- राम पाल 

---------- राम रहीम 

---------- आशा राम 

---------- राम  बृक्ष 

गब्बर--- क्या बात है रे कालिया  ये चारों मे राम ही राम है 

ठाकुर --  " राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट ,अपनी लुटिया बची रही रहे चाहे किसी को कूट ""  

गब्बर ---- जियो रे ठाकुर  

कालिया -- अब अगला नंबर किसका सरदार 

गब्बर----- अरे वही जो आँख मारता रहता है !!!

बसंती ----- सरदार  बाबा राम देव !! 

गब्बर ------ इ तो गज़ब होई गवा ससुरा इसमे भी ....." राम "

 

मैं शादीशुदा हूँ

और फिर पचासवें दिन...

आज मेरा बर्थडे था

अच्छे दिन

 

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