खंडवा। बाजार में बैल खरीदने आए कुछ किसानों ने पसंद के बैल देखकर ऊंची बोली लगा दी और उन्हें खरीद लिया। मनपसंद बैल मिलते ही उनके चेहरे खिल उठे, लेकिन उनकी खुशी अधिक देर तक नही टिक सकी। बैल खरीदने के बाद वह बैल लेकर अपने घर की ओर चले, आगे से गोरक्षा से जुड़े संगठन के कुछ कार्यकर्ता गाड़ी के सामने आ धमके। कार्यकर्ताओं ने वाहन में जैसे ही बैलों को देखा तो उन्होंने किसानों को गाड़ी से नीचे उतारा और बंधक बना लिया। कार्यकर्ताओ का गुस्सा यही नही थमा उन्होंने वाहन में तोड़फोड़ करते हुए किसानों के कपड़े उतरवा दिए। इसके बाद आधा सिर मुड़ा और फिर मारपीट करने लगे। काफी देर तक मारपीट करने के बाद वे उन्हें धनगांव थाने ले गए। पीड़ित किसानों ने पुलिस को बैल खरीदी का बिल और जमीन की पावती दिखाई, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। यहां जमानतदार नहीं होने से कोर्ट ने किसानों को जेल भेज दिया। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए टीआई से स्पष्टीकरण मांगा है। सनावद के साप्ताहिक बाजार से किसान संजय चंद्रहास गुर्जर, शुभम तुलसीदास निवासी सनावद, साेमचंद पिता शंकर गुर्जर निवासी कालमुखी, करण पिता मनोज यादव निवासी इंदौर रोड खंडवा ने खेती के लिए बाजार से बैल खरीदे थे। बैलों को लेकर निजी वाहन से वे खंडवा की ओर आ रहे थे। इस दौरान धनगांव के पास गोरक्षा से जुड़े संगठन के कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली की कटने के लिए बैल ले जाए जा रहे हैं। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने किसानों को बंधक बनाकर धनगांव पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। पुलिस ने भी मामले में जांच पड़ताल नहीं की और कार्यकर्ताओं के दबाव में आकर गोवंश प्रतिषेध की धारा 4, 6, 9 के तहत एक तरफा केस दर्ज कर लिया। मारपीट करने वालों पर केस दर्ज करने का आदेश- गोवंश परिवहन करने वाले किसानों के पास बिल, ऋण पुस्तिका सहित दस्तावेज होने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हुई तो मामले में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। एसपी महेंद्रसिंह सिकरवार मारपीट करने वाले कथित गोरक्षकों के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।