किन्नर संतों ने पेशवाई में जगाया पर्यावरण का अलख

उज्जैन : मध्यप्रदेश के उज्जैन में इन दिनों सिंहस्थ 2016 की धूम मची हुई है। शहर में बड़े पैमाने पर पर्यटक स्नान और धार्मिक समागम के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में अखाड़ों के साधु - संत भी सिंहस्थ 2016 के स्नान के लिए पहुंच गई हैं। अखाड़ों के पांडाल संतों और उनके शिष्यों से पट गए हैं। कई अखाड़े अपनी - अपनी पेशवाई निकालकर औपचारिकतौर पर प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में किन्नर अखाड़े की पेशवाई भी निकाली गई।

किन्नर अखाड़े की पेशवाई प्रातः 11 बजे दशहरा मैदान से प्रारंभ हुई। इस पेशवाई में किन्नर गुरू और उनके शिष्य बग्घि में सवार होकर निके। किन्नरों का अखाड़ा पहली बार इस सिंहस्थ में शामिल हुआ है। इसलिए किन्नर अखाड़े को लेकर श्रद्धालुओं में अलग ही कौतूहल रहा। इस पेशवाई में अखाड़े में शामिल संतों ने अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया।

उन्होंने कहा कि वे इस माध्यम से अलग संदेश दिया। किन्नरों ने अपनी पेशवाई में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पेशवाई में 50 ई रिक्शा का प्रयोग किया गया। किननर अखाड़े की पेशवाई दशहरा मैदान से टाॅवर की ओर गई, यह पेशवाई चामुंडा, देवासगेट, मालीपुरा, तोपखाना, श्री महाकाल से हरसिद्धि होते हुए दशहरा मैदान पहुंची। पेशवाई में देशभर से आए किन्नरों ने भागीदारी की। सिंहस्थ का स्नान प्रारंभ होने के दौरान अखाड़े की ओर से देवव्रत यात्रा निकाली जाएगी। 

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