प्रेमी के साथ मिल की पूरे परिवार की हत्या, मिली सजा-ए-मौत

नई दिल्ली : एक युवती और उसके प्रेमी द्वारा परिवार के सात लोगों की हत्या करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सजा सुनाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को यथावत रखा है। फैसले के अनुसार आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है। मिली जानकारी के अनुसार एक परिवार के सभी सात सदस्यों की धारदार हथियार से हत्या करने के मामले में आरोपियों सलीम और शबनम की याचिका को खारिज कर दिया गया। जिसके बाद न्यायालय ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरा रखते हुए आरोपियों को मृत्यु दंड सुनाया।

मिली जानकारी अनुसार इन आरोपियों ने 15 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सदस्यों और परिवार में मौजूद 10 माह के बच्चे की भी हत्या कर दी थी। पहले आरोपी ने अपने घर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हमले की बात कही गई थी। मगर बाद में उसके और प्रेमी द्वारा साजिश करने का राज़ खुल गया।

अपने निर्णय में न्यायमूर्तियों ने कहा कि एक शिक्षित और सभ्य समाज में एक पुत्री परिवार में बहुमुखी और जरूरी भूमिका निभाती है, विशेषतौर पर अपने अभिभावकों के प्रति वह देखभाल करने वाली, एक सहायक, एक सौम्य, हाथ और एक जिम्मेदार आवाज होती है। वह समाज के पोषित मूल्यों की प्रतीक होती है जिस पर अभिभावक आंख मूंदकर भरोसा और विश्वास करते हैं । जजों ने अपने फैसले को दोहराते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया।

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