कभी कभी हम भूल जाते हैं .... सवालों के जवाब हम खुद होते है। ढूंढते रहते हैं आस पास, खोये हुवे ख्वाब आँखों में छुपे होते है। कभी कभी हम भूल जाते हैं .... आँसुओं मे भी खुशीयों के रंग सजे होते है। रोक के रखते है दिल के अंदर, सुखों के मोती दुखोंसे ढक देते है। कभी कभी हम भूल जाते है .... कांटोंमें भी फूल छुपे होते है। कतराते है छूनेको उन्हे... प्रणयका आनंद भँवरे उड़ा ले जाते है। कभी कभी हम भूल जाते है .... हार मे भी जीत है। दबे रहते है डर के आंचल तले, बाज़ीगर बाज़ी चुरा ले जाते है।