खून का रंग फिर एक जैसा हो

आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो; मस्जिद में भजन, मंदिरों में अज़ान हो; खून का रंग फिर एक जैसा हो; तुम मनाओ दिवाली, मैं कहूं रमजान हो।

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