खो गया है सच अचानक

खो गया है सच अचानक झूठ की बारात में क्या करेंगे हम यहाँ कुछ भी न होगा हाथ में खो गया है दिल में है रावण भरा पर राम का है आवरण हो रहा है हर गली हर पल यहाँ सीता हरण मित्रता करने चले खंजर छुपाए हाथ में खो गया है एक नाथू था यहाँ अब है हजारों टोलियाँ पूछते बापू बता कितनी लगी थी गोलियां तेरे चेलों ने लगा दी आग गांधीबाद में खो गया है खो गई है माँ विचारी स्वार्थ के इस नीड़ में बाप की भी ज़िम्मेदारी खो गई है भीड़ में रिश्ते हैं बनते बिगड़ते घात में प्रतिघात में खो गया है मारता भाई को भाई लूटता भाई बहन बाप भाई नोचते है बहन बेटी का बदन बेटियाँ अब ना सुरक्षित बाप भाई साथ में खो गया है अब बुढ़ापे का सहारा छोड़ देता साथ है आज मानव झेलता अपने ही मन का पाप है साथ में बेटा है जब तक आई बहू न साथ में खो गया है है चुना रक्षक जिसे भक्षक और तक्षक नाग हैं क्या सलामत हो चमन उल्लू भरे हर बाग हैं बंट गया है देश अब कई धरम में कई जात में खो गया है खोजता इन्सान मिलते हिन्दू और इस्लाम है बुद्ध नानक की जगह सन्यासी आसाराम है बच गया अब प्रांत केवल जातियों की जमात में खो गया है गुमनाम अनजाना

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