ख़याल मरहम का आया क्यों है

ख़याल मरहम का आया क्यों है ? कोई मरा नहीं तो सियापा क्यों है ? यक़ीन कर लो कि जिंदा हूँ मैँ फिर जन्नत का तमाशा क्यों है ? तुम्हारे सपने रेहन हैं मेरी आँखों में मुझपे ये एहसान बकाया क्यों है ? हद से बाहर हो गई है रुसवाई सबने मुंझको यूँ सताया क्यों है ? कफ़स में सोने के बेहाल है जो उस पंछी ने मुझको रुलाया क्यों है ? छत न दरो दीवार मयस्सर है कोई राहतों ने मुझको भुलाया क्यों है ? हृदयेश उम्र हो गई हंसते गाते अंत यूँ इतना नुमाया क्यों है ?

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