खत्म होगी ये मेरी जिंदगानी

न कोई किस्सा न कोई कहानी न शब्दों में  न मुंहजुबानी न तो बड़प्पन मेरा न तुम्हारी नादानी न बातें इस जहान की न परियों की कहानी न रास्ते चमक भरे न बीच में कोई दरिया तूफानी न शोर दुनिया भर का न मेरी आँखों का पानी न अपनेपन से भरी ये दुनिया न तो हर नजर बेगानी मैं तो बस इतना जानू "प्राची" तुम ही हो मेरी दुनिया और तुम पर ही खत्म होगी ये मेरी जिंदगानी...।।

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