जमीन बचाने की खातिर भांजी ने लिखी मामा को चिट्टी

खंडवा/मध्यप्रदेश : आप हमारे मामा होकर मेरी मां के परिवार को नहीं बचाऐंगे। मेरे पापा को बुखार है, उनके पैरों पर निशान पड़ गए हैं और वे संकट में हैं। फिर भी आप हमारे लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे। दर्द से भरा यह पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिं चैहान को हाल ही में घोघलगांव के किसान की बेटी संतोष ने लिखा है। संतोष ने कहा कि हमारे घर में खुशियों का माहौल था मगर खेत में पानी भर गया और मेरे भाई की शादी को आगे बढ़ाना पड़ा है। बीते 22 दिनों से घोघल गांव के ग्रामीण अपने खेत, घर को डूब प्रभावित क्षेत्र में आने को लेकर आंदोलन पर बैठे हैं। ग्रामीणों द्वारा इस आंदोलन को जल सत्याग्रह का नाम दिया गया है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर साथ में रखकर ये ग्रामीण लगातार पानी में खड़े हुए हैं। पानी में खड़े होने से इनके शरीर की त्वचा गलने लगी है। यही नहीं इन ग्रामीणों को बुखार, खुजली, जलन, दर्द आदि परेशानी भी होने लगी है। ग्रामीणों द्वारा भोजन भी जल के बीच में ही किया जा रहा है। ये ग्रामीण अपनी जमीन डूब प्रभावित क्षेत्र में आने के बाद उचित मुआवजा और दूसरी जमीन वाजिब तरीके से और उपजाउ दिए जाने की मांग की जा रही है। अब प्रदर्शनकारियों के समर्थन में नर्मदा घाटी विकास परियोजना कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया गया। जिसमें संभागीय संयोजक युवराजसिंह, संजीव वैद्य, शीला शर्मा, सतीश शर्मा आदिन ने नर्मदा घाटी पुनर्वास कमिश्नर रेणु पंत को ग्रामीणों की समस्या के बारे में बताया और उचित निराकरण की मांग की।

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