सुख समृद्धि और शीघ्र विवाह का मां कात्यायनी देती है वरदान

नवरात्रि में माता की 6 ठे दिन कात्यायनी देवी के तौर पर आराधना की जाती है। माता कात्यायनी दुर्गा मां का 6 ठा स्वरूप है। जब ऋषि कत्य द्वारा मां दुर्गा से उनके घर पुत्री के जन्म की मांग की गई और यह प्रार्थना की गई कि माता ही उनके घर पर जन्म लें तो मां ने ऋषि कत्य के घर पुत्री के तौर पर जन्म लिया। इसके बाद मां को कात्यायनी कहा गया। माता शेर पर आरूढ़ हैं। उनके एक हाथ में तलवार, दो हाथ में वर मुद्रा और एक हाथ में कमल पुष्प धारण किया हुआ है।

माता को ह्लीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा के मंत्र जाप से प्रसन्न किया जाता है। माता कात्यायनी को त्रिदेव, शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी द्वारा शक्तियां प्रदान की गई हें। माता के तीन नेत्र हैं जिनमें असीम शक्ति और तेज है। माता कात्यायनी के पूजन से विवाह शीघ्र होते हैं। इनकी आराधना से स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। 

और घर में सुख - समृद्धि आती है। माता कात्यायनी का पूजन करने से श्रद्धालुओं को रोगों से लड़ने की शक्ति भी प्राप्त होती है। वे सभी भयों से मुक्त हो जाते हैं। माता बहुत ही तेजवान हैं। माता का पूजन ब्रज की गोपियों द्वारा भी किया गया था। माता को हवन द्वारा भी प्रसन्न किया जाता है। 

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