काश कि तुम वहाट्सऐप पे होते

काश कि तुम वहाट्सऐप पे होते...... मैं तुम से जी भर के चैट करता। आफलाइन होते तो वेट करता। लव यू,मिस यू के स्टीकर सेन्ड करता। कभी ब्लॉक तो कभी अनफ्रेन्ड करता। तुम मेरे पिक्स सारे अपलोड करते। वायसनोट मेरी डाउनलोड करते। शायरी में अपनी सारी बात होती। मैसेज में लिखकर मुलाकात होती। मैं खुद की चाहत को होस्ट करता। खूबसूरत नजारे तुझे पोस्ट करता। मेरी सेल्फी तेरी आखों में होती। चैटिंग की मस्ती बातों में होती तेरे संग रोज नये -नये खेल करता। मुहब्बत की गजलों को ईमेल करता। तू गुस्से में मुझको कह देती चीटर। मैं पेश करता अपनी सासों का हीटर। जब मुहब्बत मेरी तू पहचान जाती। तब चाहत में तेरी ,मेरी जान जाती। मेरे कमेन्ट तुम जब लाइक करते। जमाने वाले मुझे जब डिसलाईक करते। तुम सिमली भेज के मुझको चिढाते। मैं रुठ जाता तो मुझको मनाते। सुबह शाम तुझसे यूं फाइट करता। नया गुरप बनाकर इनवाइट करता। केक सिंबल से तेरा बर्थडे मनाता। इश्क की कैंडल उसमें जलाता । तेरा स्टेटस बार-बार पढता। तेर लिये कुछ नये सपन गढता। तू आनलाइन तो मैं आफलाइन होता। तू आफलाइन तो मैं आनलाइन होता। तुझसे क्या पूछता और क्या बताता। हाल -ए-दिल अपना जब भी सुनाता। कभी इश्क तो कभी गैंगवार होता। व्हाट्स ऐप पे अपना भी प्यार होता।

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