दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर बवाल, कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

बंगलुरु: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में तीन भाषाओं के फॉर्मूले को लेकर कर्नाटक के सत्तासीन जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक साथ हमला बोला है. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से करारी हार मिलने के बाद कर्नाटक में इन दोनों पार्टियों को एनडीए सरकार को घेरने का एक अवसर मिल गया है.

हालांकि, केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट को वापस ले लिया है पर कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस दोनों ही इस मसले पर एनडीए, भाजपा और केंद्र सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने रविवार को ही कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार किसी भी राज्य पर तीन भाषाओं के नाम पर एक भाषा नहीं थोप सकती. इसके बाद कांग्रेस ने भी इस मसले को हाथों हाथ लिया है.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने भी इस पर जमकर विरोध किया. सिद्धारमैया ने कहा कि हिंदी भाषा को थोपना और कुछ नहीं बल्कि प्रदर्शन पर नृशंस हमला है. हमारी राय के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया जा सकता. तीन भाषाओं की कोई आवश्यकता नहीं है. अंग्रेजी एवं कन्नड़ पहले से हैं, वे बहुत हैं. कन्नड़ हमारी मातृभाषा है, इसलिए प्रमुखता कन्नड़ को दी जानी चाहिए.

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