कन्हैया ने की देशद्रोही नारों की निंदा

नई दिल्ली : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशद्रोही नारेबाजी होने को लेकर छात्र संघ के नेता कन्हैया को पकड़ लिया गया था। मगर अब इस मामले में कहा जा रहा है कि कन्हैया दोषी नहीं है। इस बीच कन्हैया कुमार का बयान सामने आया है। दरअसल कन्हैया कुमार ने अपने एक बयान में कहा है कि वह देश के संविधान में विश्वास रखता है। उसे भारत की एकता और अखंडता पर पूरा विश्वास है। वह इसमें अपना योगदान देगा।

कन्हैया ने कहा कि एकता को भंग करने वाले किसी भी कार्य के समर्थन में वह नहीं हैं। कन्हैया ने 9 फरवरी को हुई घटना की निंदा भी की। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बाहरी और अंदर के लोगों ने असंवैधानिक नारे लगाए। छात्र संघ के अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि वह इन नारों का विरोध करता है। 

कन्हैया ने अपनी लिखित अपील में कहा कि वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एसआईएस से सोशल  ट्रांसफाॅर्मेशन इन साउथ अफ्रीका - 1994 से 2015 विषय पर पीएचडी कर रहा हैं। उसका कहना था कि यह उनकी पीएचडी का तीसरा साल है। कन्हैया का कहना था कि वह भारत के संविधान में यकीन करता हैं।

उसने कहा मैंने देश की एकता और अखंडता को लेकर किसी भी तरह का गलत कार्य नहीं किया है। 9 फरवरी को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई घटना को लेकर उसने कहा कि वह इस घटना की निंदा करता है। उसने अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ नारों का समर्थन नहीं करने की बात कही है। 

Related News