हम कश-में-कशे गम से गुजर क्यों नहीं जाते मरना तो हर हाल में है तो मर क्यों नहीं जाते बहके हुए कदमों में सांसो के ये जनाजे है आखिर किसी मंजिल पर ठहर को नहीं जाते