कितना और दर्द देगा तू इतना बता दे ऐसा कर ऐ रब्बा मेरी हस्ती मिटा दे ये घुट घुट के जीने से मोत बेहतर है कभी न खुले आँखे मेरी तू ऐसी नींद सुला दे सुबह सुबह सूरज का साथ हो चह चहाते परिंदो की आवाज हो हाथो में आपका हाथ हो यादो में आपकी कोई खास हो