कब तलक़ टटोलेंगे दाग़

कब तलक़ टटोलेंगे दाग़ एक दूजे के दामन में, आओ चलो बैठकर कहीं गिरेबान अपने धो लें ! : बहुत दे चुके तसल्ली हम वोट कि खातिर रियाया को, किसी के भूखे बच्चे को खाना खिला सके तो बात बने !

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