कब तक छुपाऊ

क्या सोचु में की तू याद न आये

क्या बोली की तेरा चेहरा याद आये

कब तक में छुपाऊ इस प्यार को

उसकी अदाओं पर मुझे प्यार आता है

प्यार हर किसी का इम्तेहान लेता है

किसी से रूठ जाता है 

किसी पर मुस्कुराता है

यह प्यार का खेल होता ही ऐसा है 

किसी का कुछ नहीं जाता और किसी की जान तक चली जाती है

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