कांच को चाहत थी पत्थर को पाने कि

कांच को चाहत थी पत्थर को पाने कि 

एक बार फिर टूटकर बिखर जाने कि 

बस इतनी सी चाहत थी उस दीवाने कि 

अपने ही टुकडो में अपनी तस्वीर सजानी थी 

Related News