आज मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है। आप सभी को बता दें कि काल भैरव भगवान शिव के ही अवतार हैं। ऐसे में इस दिन विधि- विधान से भगवान काल भैरव के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा- अर्चना भी करते हैं। वहीं काल भैरव जयंती के दिन उनकी इस आरती को जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे वह खुश होते हैं और मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। काल भैरव जयंती आरती- जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा। जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।। तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक। भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।। वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी। महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।। तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे। चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।। तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी। कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।। पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।। बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।। बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें। कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।। कालाष्टमी के दिन जरूर पढ़े यह पौराणिक कथा आपकी चट मंगनी पट ब्याह करवा देंगे ये छोटे-छोटे उपाय 2022 में शुभ विवाह मुहूर्त से लेकर यहाँ जानिए शुभ तिथि, दिन और नक्षत्र