लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति शाह की मनाही

नई दिल्ली : दिल्ली में लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच नियुक्तियों और अन्य मसलों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आए दिन उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच नियुक्तियों और सरकारी विभागों की कार्यप्रणालियों को लेकर गतिरोध पैदा हो जाता है। इस बीच यह बात सामने आई है कि दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल सरकार को झटका लगा है।

लाॅ कमिशन के चेयरमैन एपी शाह द्वारा दिल्ली का लोकायुक्त बनने से साफतौर पर मनाही कर दी गई है। दिल्ली सरकार द्वारा कहा गया है कि लोकायुक्त बनाने का प्रस्ताव जारी किया गया था। मगर उनके इंकार करने के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति पर नया सवाल खड़ा हो गया है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन पांच वर्ष के कार्यकाल के पूरा हो जाने के बाद नवंबर 2013 में इस पद से हट गए थे। इसके बाद से यह पद खाली पड़ा है। जिसके बाद दिल्ली के हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शाह ने कहा कि इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर लिया गया है। इस मसले पर आगे कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि इस पद पर नियुक्ति कब तक होगी। लोकायुक्त की ओर से एंटी करप्शन वाॅचडाॅग संस्था तैयार करने के लिए दिल्ली लोकायुक्त अधिनियम को और भी अच्छा बनाया जा सकता है। 

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