जो यादों के सहारे होते

वक्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते हम भी औरों की तरह आपको प्यार करते अपनी तकदीर में तो पहले से ही कुछ गम हैं और कुछ आपकी फितरत में वफ़ा कम है वरना जीती हुयी बाजी न हारे होते हम हम भी प्यासे हैं और आपको बता न सके सामने जाम था और हम जाम को उठा न सके काश हम गैरत ऐ महफ़िल की मारे न होते दम घुटता है सीने में फिर भी हम जिन्दा हैं तुमसे क्या हम तो जिंदगी से भी शर्मिंदा हैं मर ही जाते न जो यादों के सहारे होते

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