सेना के जवान की बेटी बनी जेएनयू की अध्यक्ष

नई दिल्ली : कल शनिवार रात को जेएनयू छात्र संघ के जो चुनाव परिणाम आए उसमें एक बार फिर लेफ्ट विंग छात्र संगठनों ने जीत हासिल की. लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इसमें अध्यक्ष का पद जिस गीता कुमारी ने जीता है, वह एक सैनिक की बेटी है. उसके पिता भारतीय सेना में हैं और फिलहाल जोधपुर में तैनात हैं.

इस बारे में आइसा की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष रामा नागा के अनुसार गीता राजनीतिक अनुभवों में सभी उम्मीदवारों में सबसे वरिष्ठ थीं. गीता महिलाओं के मुद्दों को लेकर हमेशा अग्रणी रही हैं. 2012 में निर्भया कांड के बाद जेएनयू छात्रों ने जो बड़ा आंदोलन खड़ा किया, उसमें गीता ने प्रमुख भूमिका निभाई थी. जेएनयू के कई ऐसे छात्र हैं, जिनके घरवाले सेना में हैं. लेकिन वो इसका प्रदर्शन नहीं करते. 

बता दें कि हरियाणा के पानीपत की निवासी गीता कुमारी फ़िलहाल स्कूल ऑफ सोशल साइंस से एम.फिल कर रही हैं. वह आधुनिक इतिहास में दूसरे वर्ष की छात्रा हैं. दो बार स्कूल ऑफ लैंगुएज की काउंसलर रहीं गीता जेएनयू की जेंडर सेंसेटाइजेशन कमेटी का चुनाव भी जीत चुकी है. गीता आइसा यानी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) की सदस्य हैं.गीता ने यह चुनाव एबीवीपी उम्मीदवार निधि त्रिपाठी को हराकर जीता है.

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