खामोश चेहरों पर हजारो पहरे होते है, हँसती आँखों में भी जख्म गहरे होते है, जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम, असल में उन्ही से रिश्ते ज्यादा गहरे होते है उम्र गुज़ार दी तिनका तिनका जिन घरौंदों को बनाने में दनगाइयो ने एक पल भी न सोचा उन्हें ढहाने में घर का चुल्हा जलता था जिसके आसरे राख का ढेर सजा है आज उन दुकानों में