जीना सिख रहा हुँ

प्यार में हम जान भी दे देते,

लेकिन उनके मन में कुछ और ही था|

जब मांगी मेने हर वो निशानिया,

जो प्यार में हमने उन्हें दी थी|

लेकिन देते समय इरादे ही उनके कुछ और थे|

इस दर्द भरी दुनिया में जीना सिख रहा हु|

अभी बेवफाई के जाम पीना सिख रहा हु|

कोशिश है उसे भूलने की ,

अभी तो में उनके झूठे वादो को भुला रहा हु|

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