जिल्लत भरी अब जिन्दगी

जिल्लत भरी अब जिन्दगी जी रहे हैं लोग ,, शराब को भी दवा समझकर पी रहे हैं लोग ! धागे तो दिल के खिच गये हैं अब देखलो ,, ज़ख्म को रफ़ू कर कर के सी रहे हैं लोग !

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