झूठ-सच आज़मा के देख लिया

ग़ैर को मुंह लगा के देख लिया झूठ-सच आज़मा के देख लिया क़ाबिल-ए-आशियाँ कोई न मिला तिनका-तिनका उठा के देख लिया है इधर आइना, उधर दिल है जिसको चाहा, उठा के देख लिया 'दाग़' ने ख़ूब लिया आशिक़ी का मज़ा जल के देखा, जला के देख लिया

Related News