झरती फुहारें दिखे सावन में

जब बारिश की फुहारें पड़ती हैं घर के आँगन में फुहारों की मनभावन फौव्वारें उठती है मन मेें  . पल दो पल की जिन्दगी खुशहाल होकर गुजरे  बहारें पल्लवित होकर समा जाएं इस जीवन में . काले दुख की काली बदरी छँट जाये जीवन से काली घटाएं और झरती फुहारें दिखे सावन में . हरीतिमा की चाँदर ओढ़कर धरती बनी दुल्हन हरियाली ऊपर से उड़ती ताजगी दिखे पवन में . सुहाने मौसम में विनम्रता से मिलती बड़ी शांति जीवन उल्लसित होता दूसरों के साथ नमन से . पूरा माहौल हीँ बदल जाता एक दुखद घटना से जब शहीद लिपटा दिखता है तिरंगे के कफन में  . पूरे यौवन की ऊर्जा काम आती है अनेक रुप में पूरी ऊर्जा भर जाती मानव के खिलते यौवन में . वृद्ध देखता अतीत, बालक जीता भविष्य सहारे कृष्ण का बालरूप सुशोभित होता है मक्खन में . बचपन के सावन को यादकर आनंद लो 'प्रकाश' असली मस्ती तो दिखती थी अपने ही बचपन में

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