जयललिता मामले में सर्वोच्च न्यायालय की बड़ी पीठ करेगी सुनवाई

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से जुड़े एक मामले में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता की याचिका पर सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय की बड़ी पीठ करेगी, क्योंकि इस मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर तथा न्यायमूर्ति भानुमति ने अलग-अलग मत व्यक्त किए हैं।
मामला जयललिता द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने को कर्नाटक उच्च न्यायालय में दी गई चुनौती के मामले में जी. भवानी सिंह की विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति से संबंधित है। इस पद पर उनकी नियुक्ति तमिलनाडु सरकार ने की है। लेकिन डीएमके नेता के. अंबाझगन ने भवानी सिंह की नियुक्ति को चुनौती दी है, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकुर और न्यायमूर्ति भानुमति की पीठ ने बुधवार को इसे बड़ी पीठ के हवाले कर दिया।
न्यायमूर्ति लोकुर ने जहां कहा कि भवानी सिंह की नियुक्ति से कर्नाटक उच्च न्यायालय में जयललिता की अपील पर सुनवाई प्रभावित हुई है, वहीं न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि भवानी सिंह विशेष लोक अभियोजक के रूप में अपना काम जारी रख सकते हैं, क्योंकि उनकी नियुक्ति एक विशेष मामले में की गई है और कर्नाटक सरकार ने इसे निरस्त नहीं किया।

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