जाने किस तेज गेंदबाज के दादा हो रहे है गरीबी के शिकार ..

नई दिल्ली : यह कहानी है भारतीय टीम के उभरते हुए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह की. संतोख सिंह बुमराह तीन कारखानों के मालिक थे उनके फैब्रीकेशन के तीन कारखाने थे. वो अपने बेटे व जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर सिंह बुमराह के साथ अपने कारखानों का काम देखते थे.

जसवीर सिंह का निधन 2001 मे पीलिया की वजह से हो गया जिसके कारण जसप्रीत के दादा संतोख सिंह अकेले पड़ गए इस घटना के बाद उनके सारे कारखाने बेपटरी हो गए और वो धीरे धीरे आर्थिक संकट से घिर गए . बैंको का कर्जा होने के कारण उन्हें तीनो फैक्टरियों को बेचना पड़ा. साल 2006 में जसप्रीत के दादा ऊधम सिंह नगर के किच्छा आ गये.

यहाँ आकर इन्होने चार टेम्पो खरीद कर चलाने लगे लेकिन एक बार फिर किस्मत ने इनका साथ नहीं दिया उन्हें चार ऑटो में से तीन बेचने पड़े. पिता की मौत के बाद जसप्रीत बुमराह और उनकी मां परिवारिक कारणों से अपने दादा से अलग हो गये थे जिसके बाद वो अभी तक उनसे नहीं मिले. जसप्रीत बुमराह के दादा चाहते है कि जसप्रीत इंडिया के लिए खेलते रहे और देश का नाम रोशन करे. जसप्रीत के चाचा विकलांग है और जसप्रीत की दादी का 2010 मे निधन हो गया था.

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