रक्षा बंधन का पर्व हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व वैसे तो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रहता है लेकिन कई लोग उस दिन किसी कारणवश राखी का पर्व नहीं मना पाते हैं तो वे भाद्रपद की चतुर्थी या फिर अष्टमी के दिन दिन राखी का पर्व मनाते हैं। अगर आप अष्टमी यानी जन्माष्टमी के दिन रक्षा बंधन का पर्व मना रहे हैं तो जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त। जी दरसल अष्टमी तिथि रात्रि 9 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी जो अगले दिन 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। वहीं स्थानीय समयानुसार तिथि के समय में थोड़ी बहुत घट-बढ़ है। आप 18 या 19 किसी भी दिन रक्षा बंधन पर राखी बाँधने जा रहे हैं तो दोनों ही दिनों के शुभ मुहूर्त जानिए। 18 अगस्त शुभ मुहूर्त- - अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:05 से 12:56 तक। - अमृत काल : शाम 06:28 से रात्रि 08:10 तक। - शुभ योग : 18 अगस्त को रात्रि 08:41 तक वृद्धि योग उसके बाद ध्रुव योग रहेगा जो अगले दिन रात्रि 08:59 रहेगा। 18 अगस्त को रात्रि 11:35 तक पद्म योग भी रहेगा। शुभ समय : सुबह 06 से 07:30 तक, दोपहर 12:20 से 03:30, शाम 05:00 से 06:30 तक। दिन का चौघड़िया : लाभ : दोपहर 12:29 से 02:05 तक अमृत : दोपहर 02:05 से 03:40 तक। रात्रि का चौघड़िया : अमृत : शाम 06:51 से रात्रि 08:16 तक। चर : रात्रि 08:16 से रात्रि 09:40 तक। लाभ : रात्रि 12:29 से 01:54 तक। 19 अगस्त शुभ मुहूर्त- अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:05 से 12:56 तक अमृत काल : रात्रि 11:15 से रात्रि 01:01 तक। शुभ योग : ध्रुव योग रात्रि 08:41 तक, उसके बाद व्याघात योग। ध्रुव योग के साथ ही महालक्ष्मी, बुधादित्य, छत्र, कुलदीपक, भारती, हर्ष और सत्कीर्ति योग भी है। दिन का चौघड़िया : लाभ : सुबह 07:43 से 09:18 तक। अमृत वार वेला : सुबह 09:18 से 10:54 तक। शुभ : दोपहर 12:29 से 02:04 तक। रात का चौघड़िया : लाभ : काल रात्रि 09:40 से रात्रि 11:04 तक। शुभ : रात्रि 12:29 से 01:54 तक। अमृत : रात्रि 01:54 से 03:18 तक। जन्माष्टमी पर राशिनुसार लगाए कान्हा को भोग, होगा बड़ा चमत्कार 4 सितंबर को है राधा अष्टमी, इन मन्त्रों के जाप के बिना पूरा नहीं होगा व्रत ढेर सारा पैसा चाहिए तो घर ले आएं इनमें से एक भी चीज!