उम्र के काफिले अब मंजिल के पडावॅ पे है दिल अभी तक उसी मोहब्बत के गांव मे है मेरी सारी मस्तियाँ कैद है किसी की ज़ुल्फो मे तेरे झुटे वादो की जंजीर अभी तक पाव मे है