यार से ऐसी यारी रख, दुःख में भागीदारी रख, चाहे लोग कहें कुछ भी, तू तो जिम्मेदारी रख, वक्त पड़े काम आने का, पहले अपनी बारी रख, मुसीबतें तो आएगी, पूरी अब तैयारी रख, कामयाबी मिले ना मिले, जंग हौसलों की जारी रख, बोझ लगेंगे सब हल्के, मन को मत भारी रख, रिश्ते तो होते हैं कांच से भी नाज़ुक, तू तो थोड़ी होशियारी रख, मन जीता तो जग जीता, कायम अपनी खुद्दारी रख...