ज़िंदगी है नादान इसलिए चुप हूँ, दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ कह दू ज़माने से दास्तान अपनी, उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ.