जब टूटने लगे होंसले तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख्तों ताज नहीं होते, ढूंड लेना अंधेरों में मंजिल अपनी, जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते,