इस मंदिर में लटकता है हवा में खंभा

लेपाक्षी मंदिर को 'हैंगिंग पिलर टेम्पल' के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर कुल 70 खम्भों पर खड़ा है जिसमे से एक खम्भा जमीन को छूता नहीं है बल्कि हवा में ही लटका हुआ है. इस एक झूलते हुए खम्भे के कारण इसे 'हैंगिंग टेम्पल' कहा जाता है.

यह खंभा भी पहले जमीन से जुड़ा हुआ था. लेकिन एक ब्रिटिश इंजीनियर ने मंदिर में यह खंभे कैसे टिके हुए हैं यह जानने के लिए एक खंभा को हिलाया, तभी से यह खंभा झूलता रहता है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है की इसके नीचे से कपड़ा निकलने से सुख-समृद्धि में बृद्धि होती है.

विशाल परिसर में बने यह मंदिर भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान वीरभद्र को समर्पित हैं. यहां तीन मंदिर हैं. हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार है त्रेतायुग में जब रावण, श्रीराम की पत्नी का हरण कर ले जा रहा था तब जटायु ने रावण से यहीं युद्ध किया था. युद्ध के दौरान वह घायल होकर यहीं गिरे थे.

लेपाक्षी मंदिर कुछ ही दूरी पर एक ही पत्थर से बनी विशाल नंदी प्रतिमा है. यह प्रतिमा 27 फीट लंबी 15 फीट ऊंची है. यहां विभद्र मंदिर परिसर में एक ही पत्थर से बनी विशाल नागलिंग प्रतिमा भी स्थापित है, काले ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा में एक शिवलिंग के ऊपर सात फन वाला नाग फन फैलाए बैठा है.

 

शाम को लाइट जलाते वक़्त ले भगवान का नाम

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