बंद कंपनियों के रिकार्ड पर गड़ी आईटी की नज़र

मुंबई : जो काम आयकर विभाग ने कभी नहीं किये, यदि वह उन्हें करने लगे तो सवाल उठना लाजिमी है. दरअसल इन दिनों दिनों आयकर विभाग बंद हो चुकीं कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहा है. यही नहीं कई निजी कंपनियों के पूर्व निदेशकों को औपचारिक प्रक्रिया के साथ विभाग ने नोटिस जारी किए हैं.

बता दें कि पुरानी प्राइवेट कंपनियों को बंद कर नई कंपनियां खोलकर काले धन को स्थानांतरित करने का पुराना तरीका रहा है.ऐसे में इन कंपनियों को टैक्स की मांग किए जाने का डर सताने लगा है. हालाँकि कई कंपनियां व्यवसाय में सफल नहीं होने पर भी बंद की गई होगी.पहले विभाग उन कंपनियों से दूर रहता था, जिसे बंद करने की प्रक्रिया से पहले उसने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था.

हालाँकि आयकर विभाग को धोखा होने की आशंका होने पर बंद पड़ी कंपनियों के पुराने रिकॉर्ड की पड़ताल कर सकता है. इस बारे में सनदी लेखाकार दिलीप लखानी के अनुसार प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के बंद होने के बाद भी उसके निदेशकों पर जिम्मेदारी बनी रहती है. इन मामलों में उन्हें साबित करना होगा कि अगर कोई टैक्स बकाया है तो उसका कारण कंपनी की गलती नहीं है.

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