बेंगलुरु: देश की अंतरिक्ष संस्‍था इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) अगले वर्ष चंद्रयान-3 लॉन्‍च करने वाला है. इसके लिए बेंगलुरु से लगभग 215 किमी दूर चित्रदुर्गा के उल्‍लार्थी कवालू में चांद जैसे क्रेटर या गहरे गड्ढे बनाए जा रहे हैं. इनका मकसद अगले चंद्रयान मिशन के लिए पूरी तैयारी कर लेना है. इसरो के एक सूत्र ने इस संबंध में बताया है की, 'हमने गड्ढे खोदने के लिए टेंडर दे दिया और यह कार्य करने के लिए किसी कंपनी को फाइनल करने की तैयारी में हैं. आशा है कि अगस्‍त माह के अंतिम में या सितंबर की शुरुआत तक यह कार्य समाप्त हो जाएगा. इस पर करीब 24.2 लाख रुपयों का खर्च आएगा. ' इसरो से मिली सूचना के मुताबिक ये गड्ढे दस मीटर व्‍यास और तीन मीटर गहराई के होंगे. इन्‍हें बनाने का उद्देश्‍य है कि यहां चंद्रयान-3 लैंडर के लिए ठीक चांद की तरह सतह बनाई जाए. इस प्रोसेस में लैंडर के सेंसर पर परखे जाएंगे. इसे लैंडर सेंसर परफॉर्मेंस परीक्षण बोलते हैं. इसमें लैंडर के ऊपर एयरक्राफ्ट उड़ाकर वहां से उसे सिग्‍नल भेजे जाएंगे और देखा जाएगा कि लैंडर ठीक तरह से कार्य कर रहा है या नहीं. ठीक चंद्रयान-2 के प्रकार देश का अगले मिशन मून में भी मल्‍टीपल सेंसर का उपयोग होगा. ये सेंसर लैंडिंग स्‍पॉट से ऊंचाई का अनुमान लगाने में सहायता करेंगे, उसे स्‍पीड मेनटेन करने और मार्ग में पड़ने वाले पत्‍थरों से भी बच पाएंगे. आंध्र प्रदेश के इस जिले में जब्त हुई 265900 रुपये की 918 शराब की बोतलें कोरोना काल में बच्चों को घर जाकर पढ़ा रहा ये दिव्यांग शिक्षक, सीएम शिवराज भी हुए मुरीद दलितों को लेकर YSRCP MLA मेरुगु नागार्जुन ने साधा चंद्रबाबू पर निशाना