इश्क़ की तारीफ

मेरे अल्फ़ाज़ झगड़ पड़े है, तुम्हारे इश्क़ की तारीफ के खातिर.... कोई कह रहा है तुम्हे चाँद लिखूँ, तो कोई कह रहा है तुम्हे सारी कायनात लिखूँ....

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