इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये जिंदगी कब तलक दर दर फिरायेगी हमें टूटा फूटा ही सही घर बार होना चाहिये अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दें मुझे इश्क के हिस्से में भी इतवार होना चाहिये