इशारों से बात करते हैं

प्यार की हम तो इशारों से बात करते हैं फूल जिस तरह बहारों से बात करते हैं हम जिसे अपना समझ लें वो कोई और ही है यों तो करने को हज़ारों से बात करते हैं.

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