इस शराबी ने मेरी गाडी ठोक दी

एक बार शर्मा जी बड़ी आराम से अपनी गाड़ी में जा रहे थे कि अचानक सामने से आ रही वर्मा जी की गाड़ी आ कर उनकी  गाड़ी से टकरा गयी, पर एक्सिडेंट के बाद दोनों सुरक्षित बच गए। जब शर्मा जी गाड़ी से बाहर आये तो उन्होंने अपनी गाड़ी को देखा जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, फिर वो सामने की तरफ गयी जहाँ वर्मा जी भी अपनी गाड़ी को बड़ी गौर से देख रहा था। तभी वह शर्मा जी वर्मा जी से रूबरू होते हुए बोले देखिये कैसा संयोग है कि गाड़ियाँ पूरी तरह से टूट-फूट गयी पर हमें चोट तक नहीं आई। यह सब भगवान की मर्जी से हुआ है ताकि हम दोनों मिल सकें। मुझे लगता है कि अब हमें आपस में दोस्ती कर लेनी चाहिए। वर्मा जी ने भी सोचा कि इतना नुक्सान होने के बाद भी गुस्सा करने के बजाय दोस्ती के लिए कह रहे है तो कर लेता हूँ और बोला, आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं कि, ये सब भगवान की मर्जी से हुआ है। शर्मा जी ने कहा, एक चमत्कार और देखिये कि पूरी गाड़ी टूट-फूट गयी पर अंदर रखी शराब की बोतल बिल्कुल सही है। वर्मा जी कहा, वाकई यह तो हैरान करने वाली बात है। शर्मा जी ने बोतल खोली और बोले, आज हमारी जान बची है, हमारी दोस्ती हुई है तो क्यों न थोड़ी सी ख़ुशी मनाई जाए। शर्मा जी ने बोतल को वर्मा जी की तरफ बढ़ाया. उसने भी बोतल को पकड़ा और मुहं से लगाया और आधी करके बोतल वापस शर्मा जी को दे दी। फिर कहने लगा, आप भी लीजिये। शर्मा जी ने बोतल को पकड़ा उसका ढक्कन बंद किया और एक तरफ रख दी। वर्मा जी ने पूछा, क्या आप शराब नहीं पियेंगे? शर्मा जी बड़े आराम से बोले, नहीं मुझे लगता है मुझे पुलिस का इंतज़ार करना चाहिए ताकि मैं बता सकूँ कि इस शराबी ने मेरी गाडी ठोक दी।

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